वे रचनाकार बंधू - बांधव अग्रिम क्षमा करें जो अपनी सृजनात्मक ऊर्जा
'लघुकथा ' लेखन कर रहे हैं। पर कुछ आत्मश्लाघा आत्म्प्रशंषा आत्म मोह में
इतने डूबे हैं कि वे सरल बात को समझने में असफल लगते हैं। .. जैसा की
स्पष्ट है, यह शब्द-बंध दो शब्दों के मेल से उसी तरह बना है जैसे 'लम्बी
कहानी ' या 'लम्बी कविता ' . छोटी या लघु कहानी या कविता शब्दबंध नहीं
बना। इसका सीधा अभिप्राय ये है कि 'लघु' 'छोटी'
या 'लम्बी ' शब्द बाह्य आकार का बोधक है। बचा हुआ शब्द सामान्यतः 'कहानी '
और 'कविता ' के उन्ही गुणों का वाहक है जो आदिकवि से लेकर वर्तमान या
नवोदित रचनाकार उपयोग में लाता है। इसी तरह लघुकथा में पहला शब्द बाह्य
आकार का द्योतक है। और दूसरा शब्द 'कथा' की, कहानी की परंपरा का वाहक
है। बहुत सरल है कि ''आकार '' में छोटी ''कथात्मक '' रचना लघुकथा है। यदि
आपकी रचना में ''कथा'' नहीं तो उसे जो चाहे कहिये, लघुकथा वो हरगिज नहीं
है।
(30-04-2018)
(30-04-2018)