Monday, June 8, 2009

कलाश्रुति राष्ट्रीय कला शिविर 2008


मित्रो,

मैं साहित्य के साथ-साथ कला गतिविधियों के आयोजन में भी सक्रिय रहता आया हूँ। कलाश्रुति ट्रस्ट के बैनर पर साल २००८ में पहली बार राष्ट्रीय कला शिविर का आयोजन किया था। उसकी रिपोर्ट यहाँ पोस्ट कर रहा हूँ। साल २००९ में दूसरा राष्ट्रीय कला शिविर आयोजित किया था। उसकी रिपोर्ट भी शीघ्र ही पोस्ट करूंगा।

- अमी चरणसिंह

९ जून २००९, रात्रि ११ बजे

Thursday, June 4, 2009


कविता

अपराधी

- अमी चरणसिंह

कुछ बेचते हैं डर

कुछ अभयदान

कुछ तटस्थता


डर बेचनेवाले

असल में साह्स बेचते हैं

और अभयदान देनेवाले निश्चिन्तता

(जो की ज्यादा खतरनाक होती है)


जो तटस्थता के हिमायती हैं

उनकी फेहरिस्त में

होते हैं

हत्यारों के समर्थन में

ख़ूबसूरत बयां


दरअसल

दुनिया की तमाम

तानाशाहियों के खिलाफ

चुप्पी साध लेनेवाले

ये तटस्थ

हत्यारों के पक्ष में खड़े होते हैं.

-अमी चरणसिंह

०-९९२६५४८०६०